महिलाओं को भी समाज में मूल्यवान महसूस करने और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार हैः प्रो. पुष्पा दहिया
रोहतक, गिरीश सैनी। बदलते समय में लिंग संवेदीकरण बहुत महत्त्वपूर्ण है। महिला और पुरुष दोनों घर, कार्यालय और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महिलाओं को समान दर्जा एवं सम्मान देने के लिए समाज की धारणा और सोच को बदलना होगा। यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम समिति की अध्यक्ष तथा महिला अध्ययन केन्द्र की निदेशिका प्रो. पुष्पा दहिया ने फिजिक्स विभाग में आयोजित विशेष विस्तार व्याख्यान कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए।
अपने प्रभावी एवं प्रेरणादायी संबोधन में प्रो. पुष्पा ने कहा कि समाज में लैंगिक समता संस्कृति की स्थापना के लिए लिंग संवेदीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लिंग संवेदीकरण से लैंगिक समानता के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा की जा सकती है और समाज की महिलाओं के बारे सोच में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी समाज में मूल्यवान महसूस करने और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पुरुषों एवं महिलाओं को एक-दूसरे का सम्मान करना होगा, एक-दूसरे का मूल्य समझना होगा, तभी घर, कार्यस्थल और समाज में एक सकारात्मक संस्कृति का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता से लैंगिक न्याय, समानता और समावेशन को बढ़ावा मिल सकता है। एमएससी-फिजिक्स के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन किया। फिजिक्स विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश पूनिया ने आभार जताया। इस मौके पर विभाग के शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।