जीजेयू में राष्ट्रीय तंबाकू निषेध कार्यक्रम के तहत कार्यशाला व पोस्टर मेकिंग प्रतिस्पर्धा आयोजित
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू निषेध कार्यक्रम के तहत -अनाज उगाए, तंबाकू नहीं शीर्षक पर कार्यशाला एवं पोस्टर मेकिंग प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य तंबाकू का युवाओं के जीवन पर एवं उनके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों के बारे में अवगत करवाना था। बतौर मुख्यातिथि जीजेयू के परामर्श एवं कल्याण केंद्र के निदेशक प्रो संदीप राणा ने शिरकत की। डॉ विकास पुरी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। एनटीसीपी टीम से डॉ सचिन शर्मा व डॉ पूजा आहूजा विशेष वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसएस समन्वयक डॉ अंजू गुप्ता ने की।
प्रो संदीप राणा ने अपने संबोधन में कहा कि हमें जीवन में स्वयं सजे, वसुंधरा संवार सिद्धांत का अपने जीवन में समावेश करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएसएस विद्यार्थियों को सामाजिक कार्यों में सक्रियता से भाग लेने का एक मंच और अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बच्चों को भविष्य में नशा न करने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य वक्ता डॉ विकास पुरी ने बच्चों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाते हुए कहा कि तंबाकू का भारत में औसत उपयोग 28 % है, जो अत्यंत हानिकारक है। तंबाकू से भारत में औसत मृत्यु दर दस लाख प्रतिवर्ष है जो कि अन्य घातक बीमारियों जैसे एड्स व मलेरिया इत्यादि से कहीं ज्यादा है।
डॉ सचिन शर्मा ने तंबाकू के इस्तेमाल से होने वाली घातक बीमारियों जैसे फेफड़े का कैंसर, दांत का कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन कैंसर आदि के बारे में बताया। डॉ पूजा आहूजा ने कोपटा, एक्ट 2003 के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि धूम्रपान संबंधी कानूनों का पालन न करने पर जुर्माना व सजा का प्रावधान है।