दोआबा कालेज में डीएनए सिक्विेसिंग टैकनीक पर वर्कशाप आयोजित

40 विद्यार्थियों ने इस वर्कशॉप में हिस्सा लिया 

दोआबा कालेज में डीएनए सिक्विेसिंग टैकनीक पर वर्कशाप आयोजित
दोआबा कालेज में डा. आला सिंह उपस्थित को संम्बोधित करते हुए।

जालन्धर: दोआबा कॉलेज के बाओटेकनॉलकाी विभाग द्वारा डीबीटी  स्टार कॉलेज स्टेटस स्पांसर्ड प्रोग्राम के तहत डीएनए सिक्विेसिंग टैकनीक पर वर्कशाप आयोजित करवाई गई जिसमें डॉ आला सिंह- साईंटिस्ट-आईसीएआर, पीएयू लुधियाना एवं विभाग के पूर्व विद्यार्थी बतौर मुख्यवक्ता व कार्यशाला संचालक उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन डॉ राजीव खोसला विभागाध्यक्ष, प्रो. के.के. यादव, डॉ अश्विनी, डॉ राकेश, प्राध्यापकों व 40 विद्यार्थियों ने किया।  
डॉ आला सिंह ने डीएनए की ट्रैडिशनल व मार्डन सैंगर सिक्विेसिंग टैकनीक की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि इस तकनीक द्वारा हम डीएनए के बिल्डिंग ब्लॉकस-एैडिनिन गुआईनिन, थियामीन व साईटोसिन के सिक्विेस व अलाईमैंट के बारे में बखूबी पता लगा कर उनमें मैनुपुलेशन्ज व बदलाव कर नए हाईब्रिड क्राप्स पैदा कर सकते हैं जो कि मानवता के लिए फायदेमंद हैं।  इस बायोटैकनोलोजी की नई विकसित पदत्ति द्वारा बनाए गए नए क्राप्स में जिनैटिक्स डिसआर्डस नहीं होते तथा इनसे कारूरी दवाईयां भी बनाई जा सकती हैं ।  इस पदत्ति की वजह से बायौटैकनोलोजी का आने वाले पाँच वर्षों में मार्किट पोटेंशियल 19 प्रतिशत बढ जायेगा।  
प्रिं. डॉ नरेश कुमार धीमान, डॉ राजीव खोसला ने डॉ आला सिंह को सम्मान चिह्न देकर सम्मानित किया।  
इस अवसर पर डा. शिविका, डा. पूनम भगत, प्रो. प्रभज्योती, डा. सुनिक मलिक व डा. जसकिरण मौजूद थे।