बाल विवाह रोकथाम पर कार्यशाला आयोजित

बाल विवाह रोकथाम पर कार्यशाला आयोजित

रोहतक, गिरीश सैनी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रोहतक व सहयोगी एमडीडी ऑफ इंडिया संस्था द्वारा बाल विवाह रोकथाम विषय पर कार्यशाला का आयोजन एडीआर सेंटर में किया गया। कार्यशाला में एमडीडी ऑफ इंडिया जिला समन्वयक डॉ विकास जैन व डॉ राज सिंह सांगवान ने बताया कि प्रत्येक 20 गांव पर एक बाल विवाह निषेध प्रहरी नियुक्त किए गए हैं, जो गांव में या शहर में स्लम एरिया में होने वाले बाल विवाह पर नजर रखेंगे। ये प्रहरी प्रतिदिन स्कूल में प्रार्थना के समय विद्यार्थियों व अध्यापकों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष व लड़के की उम्र 21 वर्ष है। बाल विवाह कराने वाले बिचौलिए, माता-पिता, बुआ, फूफा, मामा व अन्य रिश्तेदार जो भी बाल विवाह में शामिल होगा उनको बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत दो साल की सजा व एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

उन्होंने बताया कि बाल विवाह को प्रोत्साहित करने वाले सेवा प्रदाताओं जैसे टेंट हाउस, प्रिंटर, ब्यूटी पार्लर, नाई, पंडित, मौलवी, पादरी, धर्मगुरु, हलवाई, मैरिज गार्डन, बैंड बाजा व डीजे तथा समाज के मुखिया जैसे सरपंच इत्यादि यदि बाल विवाह में सम्मिलित होते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इस कार्यशाला में सीडब्ल्यूसी चेयरमैन आशा आहूजा, सदस्य वीना, रचना, अंजू, विपिन कौशिक, अधिवक्ता विकास, रजनी, मनजीत आदि मौजूद रहे।