दिव्यांगों एवं स्पेशल चाइल्ड से जुड़े अनछुए पहलुओं से आम जन को रूबरू करवाने में वाईआरसी वालंटियर्स की महत्वपूर्ण भूमिका: डा. शरणजीत कौर
रोहतक, गिरीश सैनी। वाईआरसी वालंटियर्स जागरूकता के सजग प्रहरी बनकर समाज के हर तबके में जागरूकता की अलख जगाने में अपना योगदान दें। सामाजिक सरोकारों से जुडक़र समाज एवं राष्ट्र उत्थान में अपनी महती भूमिका निभाएं। यह उद्गार भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की यूथ रेड क्रॉस समिति द्वारा डीडीई कांफ्रेंस हॉल में आयोजित सात दिवसीय स्वास्थ्य जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।
डा. शरणजीत कौर ने अपने प्रभावशाली संबोधन में कहा कि विद्यार्थी सामाजिक सरोकारों से केवल सेमिनार, कार्यशालाओं एवं अन्य कार्यक्रमों तक सीमित न रहें, अपितु गांवों एवं शहरों के अनछुए क्षेत्रों एवं वर्गों में जाकर व्यावहारिक तौर पर सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्य कर अपने दायित्व का निर्वहन करें।
डा. शरणजीत कौर ने विशेष रूप से समाज में दिव्यांगों एवं स्पेशल चाइल्ड से जुड़े अनछुए पहलुओं से आम जन को रूबरू करवाने में वाईआरसी वालंटियर्स से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज को साइन लैंग्वेज बारे जागरूक करें, जिससे मूक एवं बधिर वर्ग को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने इस स्वास्थ्य जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के लिए यूथ रेड क्रॉस को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
सामाजिक कार्यकर्ता सुनील जागलान ने निजी अनुभव साझा करते हुए वाईआरसी वालंटियर्स को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सेल्फी विद डॉटर, घरों में लड़कियों को माहवारी जैसे मुद्दों पर सही शिक्षा एवं वातावरण प्रदान करने समेत अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक और स्वास्थ्य से जुड़े मसलों बारे जागरूकता की अलख जगाने के अपने प्रयासों बारे जानकारी दी।
डीन, आर एंड डी प्रो. अरूण नंदा ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनानी होगी। रेड क्रॉस सोसायटी, रोहतक के जिला प्रशिक्षण अधिकारी रवि दत्त ने बुखार, मलेरिया, एनीमिया तथा डेंगू के उपचार के आसान तरीकों बारे जानकारी दी।
वाईआरसी कार्यक्रम समन्वयिका प्रो. अंजु धीमान ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और इस सात दिवसीय स्वास्थ्य जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में फस्र्ट एड तथा इमरजेंसी रिस्पांस, हेल्थ अवेयरनेस सैशन, मेंटल हेल्थ, स्ट्रेस मैनेजमेंट सत्र, बेसिक मेडिकल प्रोसीजर एंड वाउंड केयर बारे प्रैक्टिकल डेमोस्ट्रेशन इत्यादि गतिविधियों पर विशेष फोकस रहेगा।
वाईआरसी काउंसलर डा. आशा शर्मा के मंच संचालन किया। वाईआरसी काउंसलर डा. धीरज खुराना व डा. कविता ने आयोजन सहयोग दिया। फील्ड कोआर्डिनेटर एमसी धीमान ने आभार जताया। इस अवसरw पर डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. अरुण नंदा, निदेशक सीडीओई प्रो. नसीब सिंह गिल, सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज की निदेशिका डा. प्रतिमा रंगा, पीआरओ पंकज नैन, यूटीडी और संबद्ध महाविद्यालयों के वाईआरसी काउंसलर्स- डा. सुप्रिया, डा. कपिल कौशिक, टीना, रितू तथा डा. प्रीतम श्योराण समेत वाईआरसी वालंटियर्स उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में यूटीडी तथा संबद्ध महाविद्यालयों के 148 वाईआरसी वालंटियर्स भाग ले रहे हैं।